रेल्वे स्टेशन पर मानव भ्रुण के मिलने से फैली सनसनी

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  उदयपुर/राजस्थान।। उदयपुर के कानोड़ रेल्वे स्टेशन पर शनिवार दोपहर में मुख्य सड़क मार्ग किनारे एक मानव भ्रुण के मिलने पर सनसनी फैल गई, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर भ्रुण को लेकर डूगला सीएचसी में पहुंचे जहां पर पोस्टमार्टम करवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
  दरअसल कानोड़ मुख्य सड़क मार्ग स्थित रेल्वे स्टेशन पर दुकानो के सामने बनी एक पानी की प्याऊ के पास करीब सात माह के भ्रुण को मिट्टी व एक चद्दर से ढक दिया गया था जो की करीब दो तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। शनिवार दोपहर में एक गाय प्याऊ पर पानी पीने पहुंची तो चद्दर के किनारे पर पांव लगने से भ्रुण दिखा जिस पर क्षेत्र भर में सनसनी फ़ैल गई, जिसके बाद सूचना पर कानोड़ थानाधिकारी मनीष खोईवाल ने मय जाब्ता मौके पर पहुंचकर भ्रुण के आसपास जमा भीड़ को हटाया तथा मामला डूगला थाना क्षेत्र में होने से डूगला पुलिस को सूचना दी गई। वही कानोड़ सीएचसी से डा. राजेश करणपुरिया भी मौके पर पहुंचे लेकिन मामला डूगला क्षेत्र का होने के चलते डूगला चिकित्सा विभाग को इसकी सूचना दी गई। वही सूचना के बाद डूगला थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा मौका रिपोर्ट बना कर भ्रुण को डूगला सीएचसी ले जाया गया, जहां पर पोस्टमार्टम कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
रेल्वे स्टेशन को उदयपुर जिले में किया जाये शामिल -
  घटना के सामने आने के बाद रेल्वे स्टेशन सहित आसपास क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए थे लेकिन मामला डूगला थाना क्षेत्र का होने से प्रशासन को आने में देरी हुई, जिससे क्षेत्रवासियों ने विरोध प्रकट करते हुए सरकार से मांग की है कि आये दिन रेल्वे स्टेशन पर घटनाएं हो रही है और कानोड़ थाना महज तीन किलोमीटर दूर है और डूगला थाना 12 किलोमीटर दूर स्थित है, जिससे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी को मौके पर पहुंचने में समय लगता है जिससे कई बार दुर्घटना में घायलो को भी समय पर उपचार नहीं मिल पाता है। वही कानोड़ थाना नजदीक होने से जाप्ता समय पर मौके पर पहुंच जाता हैं, लेकिन सीमा विवाद के चलते कार्यवाही नहीं हो सकती है। क्षेत्रवासियों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि इस क्षेत्र को उदयपुर जिले में शामिल करते हुए कानोड़ थाना क्षेत्र में जोड़ा जावे।
क्लिनिको के आसपास भ्रुण मिलने से भी रही चर्चा -
  रेल्व स्टेशन कानोड़ पर जिस स्थान पर भ्रुण मिला है, उसके आसपास चंद कदम दूर पर कई क्लिनिको का भी संचालन हो रहा है इससे क्षेत्र में दिनभर चर्चा का विषय रहा कि कहीं इस प्रकार की गतिविधियां सरकारी अस्पतालों से दूर इस प्रकार चलायें जा रहे हैं क्लिनिको पर तो नहीं हो रही है। जिसको लेकर भी समय-समय पर सरकार द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे लोगों की सेहत के साथ हो रहे खिलवाड़ पर लगाम कसी जा सके।

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