महिला प्रोफेसर दुल्हन, दूल्हा प्रथम वर्ष का छात्र

0
   नदिया जिले के हरिणघाटा स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के क्लासरूम में एक अनोखी घटना सामने आई, जब एक महिला प्रोफेसर को दुल्हन की तरह सजे हुए देखा गया और दूल्हा प्रथम वर्ष का छात्र था। अन्य छात्रों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन पर कैद किया, जिसमें प्रोफेसर और छात्र एक-दूसरे को फूलों की माला पहनाते नजर आए। इतना ही नहीं, छात्र ने प्रोफेसर की मांग में सिंदूर भी भरा। यह तस्वीरें और वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए, पूरे विश्वविद्यालय में हंगामा मच गया।
  इस अप्रत्याशित घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस प्रोफेसर सह विभागाध्यक्ष को छुट्टी पर भेज दिया, जिनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए थे। इस पूरी घटना को लेकर चर्चा तेज हो गई कि यह शादी वास्तविक थी या सिर्फ एक नाटक। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिस फोटो और वीडियो को लेकर विवाद हुआ है, वह मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हरिणाघाटा परिसर के 'एप्लाइड साइकोलॉजी' विभाग के प्रमुख और प्रथम वर्ष के छात्र से जुड़ा हुआ है।
   मंगलवार को विभागाध्यक्ष लाल बनारसी साड़ी पहनकर विश्वविद्यालय पहुंचीं, उनके हाथों में रजनीगंधा और गुलाब के फूलों की माला थी। क्लासरूम में ही एक छात्र ने उनकी मांग में सिंदूर भरा और एक-दूसरे के गले में माला पहनाई। खास बात यह रही कि छात्र के कंधे पर एक शॉल थी, जिसकी एक डोर प्रोफेसर की साड़ी के पल्लू से बंधी थी, ठीक वैसे ही जैसे शादी में पति-पत्नी का गठबंधन किया जाता है। इस पूरी घटना को कक्षा में मौजूद अन्य छात्र-छात्राओं ने देखा, कुछ ने तस्वीरें लीं, तो कुछ ने वीडियो बनाए, जो कुछ ही देर में वायरल हो गए और पूरे विश्वविद्यालय में चर्चा का विषय बन गए।
   वीडियो सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कदम उठाते हुए विभागाध्यक्ष को छुट्टी पर भेज दिया। वहीं, जिस प्रथम वर्ष के छात्र ने यह सब किया था, वह भी अचानक गायब हो गया, जिससे मामला और भी रहस्यमय हो गया। उसके सहपाठी इस घटना से हैरान हैं और किसी को समझ नहीं आ रहा कि यह सब क्यों और किस मकसद से किया गया।
   विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति तापस चक्रवर्ती ने कहा कि विभागाध्यक्ष के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और उनसे कक्षा में अपने व्यवहार के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। प्रोफेसर ने मौखिक रूप से यह कहा कि यह सब एक प्रोजेक्ट के तहत अभिनय किया गया था। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि यदि यह एक नाटक था और पढ़ाई का हिस्सा था, तो फिर विभागाध्यक्ष को छुट्टी पर क्यों भेजा गया।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top