क्या सरकार परीक्षाओं के मामले में नाकाम और नाकारा हो चुकी है?

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राजस्थान में 9वी बार रिट का पेपर लीक
आख़िर क्या कसूर इन बेरोजगारों का, कितनी बार होंगे पेपर लीक
 बांसवाड़ा/उदयपुर/राजस्थान।। बार-बार पेपरों का लिक होना अब राजस्थान में मानों आम बात हो चली है।  हर बार रोज़गार और सरकारी नौकरी की आस में हमारे देश का युवा सरकार को मोटी फ़ीस देकर एग्जाम फॉर्म भर कर  परीक्षा में इस आस से बैठता है कि इस बार तो उसे भगवान के रूप में सरकारी नौकरी मिल ही जाएगी लेकिन उसके क्या पता कि  देश में सरकार के नाम चोरो का राज़ हो चूका है। नौकरी तो दूर की बात है उस गरीब यूवा के पास थोड़ा बहुत बचा हुआ पैसा भी सरकार फॉर्म भरने कोचिंग करने और  परीक्षा के नाम पर आवागमन के अन्य खर्चे के नाम पर लूट कर कंगाल बनाने में लगी हुई है। लेकिन गलती तो देश के युवाओं की ही है जो अनपढ़ चोर फेकू, चौकीदार, तड़ीपार, ठरकी जननायक और झप्पु जैसे नेताओं में अपना उज्जवल भविष्य देख रही है। बताते चले की आज भी रीट की परीक्षा के पेपर आउट हो गया है। कुछ लोगो ने चंद रुपयों में मास्टर बनने की आँस रखने वाले युवाओं के सपनो ऐसे बेचा की चालीस से ज्यादा लोग बस में ही रीट का पेपर सॉल्व करते हुए पकडे गए। जी हां रीट के पेपर माफिया का राज हों गया है। राजस्थान के लाखों बेरोजगारों दिन रात मेहनत मजदूरी कर अपना खुन पसीना बहा कर रोज़ी रोटी कमाने वाले गरीबों के बच्चे पढ़ाई कर कुछ बन जाने का ख्वाब देखते है। बड़े आत्म विश्वास के साथ रीट की परीक्षा देते, लेकिन परिणाम आने से पहले ही पेपर लीक हो जाना बेरोजगारों के साथ बड़ा धोका साबित हो गया। क्या यह मौजूदा सरकार व प्रशासन की नाकामी नहीं है? देखिये भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया का इस पर क्या कहा? 
  
   वही बीटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने भी इसी बात को लेकर सरकार को घेरा है। मईड़ा में कहा कि जरा सी भी नैतिकता बचीं है, तों गहलोत तुरंत इस्तीफ़ा दे, साथ में शिक्षा मंत्री को भी निलबंन का रास्ता दिखाए। जी हां बीटीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने कहा की राजस्थान सरकार में लगातार नवी बार पेपर लीक प्रकरण हो चुके हैं और आज वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा का सामान्य ज्ञान ग्रुप सी का पेपर लिक होने से वह रद्द किया गया है। 
  मईड़ा ने कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी मांग करती है, की सरकार दोषी अधिकारियों तथा नेताओं को कड़ी से कड़ी सजा दे क्योंकि यह बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय हैं। एक गरीब वर्ग का बेरोजगार युवा मेहनत कर रात दिन एक करता है और परीक्षा के समय उसका मानसिक संतुलन इस प्रकार की घटनाओं से बिगड़ जाता है। यह बेरोजगारों के साथ अन्याय हैं। मईड़ा ने कहा किसी भी हालत में दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सरकार परीक्षाओं के मामले में नाकामी और नकारा हो चुकी है। 

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