बनते ही जर्जर हो गई करोड़ों की सरकारी बिल्डिंग

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 कौशाम्बी/उत्तर प्रदेश।। लाखों की वसूली कर अधूरे घटिया निर्माण पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने भवन के हस्तांतरण करने का मामला सामने आया है। वही अब ठेकेदार, विभागीय अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक पर डीएम, सीएम कार्यवाही कर पाएंगे या नही यह बड़ा सवाल है।
Kaushambi
 जी हा योगी सरकार में भी किस तरह से ठेकेदार और विभागीय अधिकारी बेलगाम है इसका जीता जागता उदाहरण देखना है तो आपको सिराथू तहसील क्षेत्र के देवखर पुर गांव स्थित राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज पहुंचना होगा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए की लागत से देवखरपुर ग्राम पंचायत के कोटवा भीटा में करोड़ो की लागत से इंटर कॉलेज के भवन का निर्माण कराया गया 3 वर्षों पूर्व तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने इस भवन की गुणवत्ता को सही बताते हुए हस्तांतरण कर लिया लेकिन भवन की गुणवत्ता बेहद खराब थी यहां तक कि पूरे भवन में पूरे कार्य नहीं कराए गए हैं।
 वही अधूरे निर्माण के बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने इस भवन को हैंड ओवर कर लिया 2 वर्ष भी नहीं बीते पूरे भवन के दीवारो के प्लास्टर टूटने लगे हैं जमीन की फर्श टूट गई है, छत के ऊपर पूरी तरह से चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया गया है एवं दरवाजे खिड़कियां शीशे टूट गए है, जल निकासी की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।
 मौके पर विद्यालय परिसर के अंदर बनाया गया बड़ा मैदान भी समतल नहीं किया गया था चहारदीवारी का भी निर्माण नहीं कराया गया है व विद्यालय परिसर के बाहर चारों तरफ समतलीकरण भी नहीं कराया गया है सब कुछ अधूरा होने के बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने ठेकेदार से मोटा कमीशन लेकर अधूरे भवन को पूर्ण दिखाकर हैंड ओवर कर लिया है। दो वर्ष में ही अब यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है इस भवन के निर्माण के गुणवत्ता की योगी सरकार ने जांच कराई तो कार्रवाई संस्था ठेकेदार और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक का निलंबन होना तय है। वही अब अधूरे और घटिया निर्माण के भवन को हैंड ओवर करने वाले अधिकारी, ठेकेदार और इस संस्था के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करा कर करोड़ों की रकम इनसे वसूली कराया जाना और उन पर विभागीय जांच कराए जाने की मांग जनता ने की है।यदि निष्पक्ष जांच हुई तो भवन निर्माण में गुणवत्ता से खेल करने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हो सकता है लेकिन क्या घटिया निर्माण पर अपनी सहमति देने वाले ठेकेदार विभागीय अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक पर डीएम सीएम कार्यवाही कर पाएंगे यह बड़ा सवाल है?




(सुशील केसरवानी)

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