यहाँ मन्नत पूरी होने पर भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं केकड़े

0
ऐसा मंदिर जहां भक्त भगवान शिव को चढ़ाते हैं जिंदा केकड़े, जानिए क्या है कारण
  सूरत/गुजरात।। सूरत का रामनाथ शिव घेला मंदिर अपनी अनोखी परम्परा और आस्था के लिए प्रसिद्ध है। सूरत के उमरा क्षेत्र में भगवान शिव के भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर साल में एक बार जिंदा केकड़ा चढ़ाते है।मकर संक्रांति के बाद से भक्तों का यहां तांता लग जाता है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान राम ने किया था।
Surat Ramnath
  आमतौर पर, श्रद्धालु जब मंदिर जाते हैं तो फूल, मिठाई, फल, पत्ते, पानी और दूध आदि चढ़ाते हैं। लेकिन गुजरात के सूरत में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर लोग इन सभी चीजों के अलावा जिंदा केकड़े को श्रद्धास्वरूप अर्पण करते हैं। खासतौर से, सूरत के मंदिर में भक्त विशेषरूप से मकर संक्रांति के दिन जिंदा केकड़ों को चढ़ाते हैं। सदियों पुरानी है यह परंपरा
  लोगों की श्रद्धा से जुड़ा विषय है, इसलिए हर व्यक्ति पूरी आस्था के साथ केकड़ों को भगवान शिव के पैरों में अर्पण करते हैं। पूजा पूरी तरह संपन्न हो जाने के बाद केकड़ों को बाद में मंदिर की ऑथारिटी द्वारा एकत्र किया जाता है और फिर पास के समुद्र में छोड़ दिया जाता है। ऐसे में पुरानी मान्यता को पूरा करते समय इन छोटे जीवों को कोई नुकसान नहीं होता है।
  माना जाता है कि रामायण के समय में, जब एक दिन भगवान राम समुद्र पार कर रहे थे, तो उस समय समुद्र की लहर में बहकर एक केकड़ा उनके पैरों पर आ गया था। उस केकड़े को देखकर भगवान श्रीराम ने केकड़े को आशीर्वाद दिया और कहा कि केकड़े भी पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा होंगे और तभी से इस मंदिर में जिंदा केकड़े चढ़ाने की परंपरा लोकप्रिय हो गई।
Surat Ramnath
 ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर जिंदा केकड़े चढ़ाता है, उसका सौभाग्य भी इसके साथ आता है। साथ ही ऐसा करने से लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसलिए लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए और अपनी इच्छापूर्ति के लिए यहां पर जनवरी के महीने में मकर संक्राति के दिन जीवित केकड़े चढ़ाते हैं।
 यूं तो सूरत में श्रद्धालु अक्सर इस मंदिर का दौरा करते हैं, लेकिन मकर संक्राति के दिन यहां पर भक्तों का तांता लगता है। इतना ही नहीं, इस विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा एक विशेष पूजा की जाती है और शिवलिंग को अभिषेक किया जाता है। पूजा संपन्न होने के बाद भक्तों द्वारा जीवित केकड़ों को चढ़ाया जाता है।
नहीं होता केकड़ों को नुकसान
  चूंकि यह लोगों की श्रद्धा से जुड़ा विषय है, इसलिए हर व्यक्ति पूरी आस्था के साथ केकड़ों को भगवान शिव के पैरों में अर्पण करते हैं। पूजा पूरी तरह संपन्न हो जाने के बाद केकड़ों को बाद में मंदिर की ऑथारिटी द्वारा एकत्र किया जाता है और फिर पास के समुद्र में छोड़ दिया जाता है। ऐसे में पुरानी मान्यता को पूरा करते समय इन छोटे जीवों को कोई नुकसान नहीं होता है।
Surat Ramnath
कान की बीमारियां दूर करने के लिए भक्त मांगते हैं मन्नत
  एकादशी के दिन भक्त यहां केकड़ा चढ़ाते हैं। इसके साथ ही कई श्रद्धालु जो कान के बीमारियों से पीड़ित हैं वह यहां मन्नत भी मांगते हैं। मान्यता है कि जीवित केकड़ा भगवान के शिवलिंग पर अर्पित करने से कान के रोग से मुक्ति मिलती है। वर्ष में एक बार ही एकादशी के दिन केकड़ा चढ़ाने से भक्तों को कान के रोगों से मुक्ति मिलती है।
श्मशान घाट पर लोग पूजा करते हैं
  वहीं इस मंदिर के नजदीक श्मशान घाट पर लोग आत्मा की शान्ति के लिए पूजा पाठ करते है। मृतक की पसंदीदा चीजें भी चढ़ाते है। जैसे कि मरने वाला अगर बीड़ी, सिगरेट, शराब पीने का शौकीन था या वो अन्य कोई खाने वाली चीज ज्यादा पसंद करता था तो वो सब आज के दिन मृतक के परिजन यहां चढ़ाते है।लोगों का ये मानना है की आज के दिन मृतक की पसंदीदा चीज चढ़ाने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
  ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर जिंदा केकड़े चढ़ाता है, उसका सौभाग्य भी इसके साथ आता है।साथ ही ऐसा करने से लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसलिए लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए और अपनी इच्छापूर्ति के लिए यहां माघ माह में केकड़े चढ़ाने आते हैं।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top