चिकित्सा विभाग व सरकार की अनदेखी के चलते जनता परेशान
बांसवाड़ा/राजस्थान।। केन्द्र व राज्य सरकार के करोड़ों रुपए के स्वास्थय ढांचे के मरम्मत हेतु विकास के नाम पर जारी बजट के बीच दुरदराज ग्रामीण क्षेत्र के गरीब आदिवासी अपना ईलाज करवाने के लिए भी मज़बूरन दूरदराज बड़े शहरो में जाने को मज़बूर है। ग्रामीण अंचल में जहा करोड़ों रुपए का बजट जारी कर हॉस्पिटल बनाने की सरकार ने स्वीकृति तो दे दी है, लेकिन प्रशासन, चिकित्सा विभाग व जनप्रतिनिधि की लापरवाही ओर अनदेखीं के चलते बांसवाड़ा के कुशलगढ़ तहसील में पाटन में पीएचसी का निर्माण समय पर होता दिख नहीं रहा है।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पाटन में पुर्व अशोक गहलोत सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनानें का बजट जारी किया था, तब कुशलगढ़ स्थानीय विधायक एवं उपाध्यक्ष राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग श्रीमती रमीला हुरतीग खडीया द्वारा 16 दिसंबर 2022 मे इसका विधिवत शिलान्यास भी किया गया था तब लोगों को लगा था की अब पाटन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनेगा, लेकिन समाचार लिखे जाने तक पाटन का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद के इलाज़ के इंतज़ार में आधा अधुरा पड़ा है। फ़िलहाल पाटन के पुराने भवन में ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है, वहीं स्टाफ की कमी भी है।
यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अधूरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कभी पूरा हो पाएगा और पाटन के आस-पास के ग्रामीण इलाकों के निवासियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए कभी चालू हो पाएगा। स्थिति गंभीर है, और केवल समय ही बताएगा कि क्या सरकार और जिम्मेदार अधिकारी इस आवश्यक स्वास्थ्य सेवा सुविधा को पूरा करने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे या समुदाय की जरूरतों की अनदेखी करना जारी रखेंगे।
देरी न केवल विकास को बाधित करती है बल्कि स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य और कल्याण को भी खतरे में डालती है, जो वर्षों से उचित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहे हैं। पाटन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भाग्य अब अधर में लटका हुआ है, जो सत्ता में बैठे लोगों से निर्णायक हस्तक्षेप और जिम्मेदारी का इंतजार कर रहा है।