मुख्यमंत्री का यह किसान सम्मेलन चुनावी वोट बैंक के लिए था - मईडा

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  बांसवाड़ा/राजस्थान।। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा विधानसभा के लंकाई में किसान सम्मेलन करने पर भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह किसान सम्मेलन चुनावी वोट बैंक के लिए था। जब कांग्रेस की सरकार बनी और मुख्यमंत्री ने 2018 का बजट पेश करते हुए माही परियोजना से अपर हाई लेवल नहर के निर्माण की घोषणा की थी जिसमें 2 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत से बांसवाड़ा, कुशलगढ़ और बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में 338 गांव को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, जिसका मौके पर आज तक कोई ठिकाना नहीं है, लंकाई में अपर हाई लेवल कैनाल का शिलान्यास करने का कार्यक्रम प्रस्तावित था वही आमजन को भी प्रचार-प्रसार के माध्यम से अपर हाई लेवल कैनाल के शिलान्यास का जिक्र स्थानीय विधायक और मंत्रियों के द्वारा किया गया लेकिन मुख्यमंत्री ने यहां की जनता के साथ वादाखिलाफी की, केवल वोट बैंक साधने के लिए प्रचार प्रसार किया गया लेकिन प्रदेश में भ्रष्टाचार, पेपर लीक और बढ़ते अपराधों से प्रदेश की जनता परेशान है।
 
   मईड़ा ने कहां कि अब आदिवासी क्षेत्र की जनता समझ चुकी है जिसका करारा जवाब 2023 में मिलेगा। सरकारों द्वारा आदिवासी क्षेत्र में विकास की बजाय पांचवी, छठी अनुसूची लागू करनी चाहिए ताकि आदिवासी क्षेत्र में स्वायत्त शासन की स्थापना हो और ट्राइबल पंचायत तथा जनजाति सलाहकार परिषद के द्वारा यहां का विकास आदिवासी खुद कर सके, जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों का अधिकार हो ताकि यहां से होने वाली आय से ही विकास की योजनाएं क्रियान्वित हो सके। 
Vijay Maida BTP
  मईड़ा ने कहां कि बांसवाड़ा जिले को रेल से जोड़ने को लेकर कई बार भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर थोपने का काम कर रहे हैं एवं यहां के विभिन्न समाजों को गुमराह कर रहे हैं, चुनावी वर्ष आते ही उन्हें रेल याद आती है। बेरोजगारी और भ्रष्टाचार कांग्रेस सरकार में चरम सीमा पर है शेड्यूल एरिया के बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर सैकड़ों किलोमीटर दूरी पर सेंटर देना उनका आर्थिक मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। तथा शिक्षा विभाग में शेड्यूल एरिया के अंतर्गत 2500 शिक्षक शेड्यूल एरिया के बाहर से पिछले 10 वर्षों से कार्यरत है, उन्हें अपने गृह जिलों में स्थानांतरित करें ताकि शेड्यूल एरिया के पदों में वृद्धि हो सके ताकि प्रशिक्षित बेरोजगारों को नौकरीयो के अवसर प्रदान हो सके। सरकार को शेड्यूल एरिया की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान, राज्य की प्रशासनिक सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान लागू किया जावे। इन सभी मुद्दों को मुख्यमंत्री ने अनदेखा किया है केवल चुनावी वर्ष को देखते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के मतदाताओं को साधने के लिए शिलान्यास के नाम पर किसान सम्मेलन कर लिया है, यह क्षेत्र की जनता के साथ में बहुत बड़ा खिलवाड़ है जिसका जनता समय रहते जवाब देगी।

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