वन विभाग के कार्मिकों ने मांगा अपना अधिकार, धरना प्रदर्शन सहित कार्यों का किया बहिष्कार

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  बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के अधिनस्थ वन विभाग के कार्मिकों ने संयुक्त संघर्ष समिति की और से वेतन भत्तों सहित अन्य मांगों को लेकर कार्य का बहिष्कार किया। वहीं अपनी मांगो को लेकर उन्होंने धरना व प्रदर्शन भी किया है। 
  जानकारी अनुसार संघर्ष समिति के पदाधिकारी व सदस्यों ने उप वन संरक्षक कार्यालय पर बेमियादी कार्य बहिष्कार के साथ धरनें पर बैठें है। राजस्थान अधिनस्थ वन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अध्यक्ष मणिलाल रावत ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आदेश की पालना में ज़िले के वर्क चार्ज अधिनस्थ वन कर्मी तथा वाहन चालक अपनी मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे है।

 
  रावत ने बताया कि बैमियादी कार्य का बहिष्कार के दौरान वन विकास कार्य, अवैध कटान आदी पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की जिम्मेदारी वन प्रशासन और राजस्थान सरकार की रहेगी। इस मौके पर जिला संयोजक फरतउल्ला खांन, सह संयोजक सुरेश गरासिया, अध्यक्ष जयवर्धन सिंह राठौड़, महिला संयोजक हिरा मीणा को नियुक्त किया गया। 
  संघ के जिला अध्यक्ष मणिलाल रावत ने बताया कि वन कर्मियों को पुलिस अथवा पटवारियों के समकक्ष वेतन देने, कार्यभारित कर्मचारियों को वन रक्षक के पद पर समायोजित करने, वन कर्मियों को मेस भत्ता राशि दो हजार रुपए देने, नकद वर्दी भत्ता सात हजार रुपए वार्षिक देने, इसके अतिरिक्त वन विभाग में ल गें वाहन चालको को पदोन्नति और वर्दी देने, साईकल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता दो हजार रुपए प्रतिमाह देने, वन अपराधों की रोकथाम के लिए हथियार एवं अन्य सुरक्षा सामान भी सरकार उपलब्ध कराने की मांग रखी गई है। साथ ही हार्ड ड्युटी अलाउंस देने सहित 15 सुत्रीय मांगे वन कर्मचारी अपनी मांग रहे हैं, लेकिन दूर्भाग्य की बात है कि राजस्थान सरकार मुक दर्शक होकर हमारी मांगों को नजरंदाज कर वन कर्मचारीयों के संघ से कुठाराघात करने पर क्यों आमादा है?
सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन 
  
  बांसवाड़ा वन विभाग के पदाधिकारियों व कार्मिकों ने कुंभकर्णी नींद में सोई सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन के तीसरे दिन आज सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में वन विभाग के कार्मिकों ने सरकार तक अपनी बात पहुँचाने में धरना प्रदर्शन करने और सरकार तक अपनी बात पहुँचाने के लिए ज्ञापन देने तक में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 
  बतादे कि ये वन कर्मचारी अपनी 15 सुत्रीय मांगों को लेकर आज तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे वही सरकार भी इनकी बात सुने इसलिए सरकार को जगाने के लिए आज सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया। 

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