उठो, जागो और भारत विश्व गुरु न बन जाय तब तक आराम न करो : साध्वी सरस्वती

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साध्वी सरस्वती ने कथा में भींडर वालों को दिलाया भरोसा आपके साथ हर समय खड़ी मिलूँगी
विशाल राम जन्मोत्सव व संत सम्मेलन का हुआ आयोजन
  उदयपुर/राजस्थान।। भारतीय नववर्ष स्वागत समिति के तत्वाधान में रेलवे स्टेशन स्थित कृषि उपज मंडी में शुरू हुई राष्ट्रोत्थान श्री राम कथा के अंतिम दिन साध्वी सरस्वती दीदी के मुखारविंद से कथा में रामनवमी पर राम जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया सात ही विशाल संत सम्मेलन का आयोजन हुआ राम जन्मोत्सव में महिलाओं वह पुरुषों ने दीपदान आरती की।
 संत सम्मेलन को राष्ट्र संत महामंडलेश्वर चिदंबर आनंद सरस्वती मुम्बई ने कहा कि संतो की और एक कदम बढ़ने से करोड़ यज्ञों का फल मिलता है श्री राम मंदिर का निर्माण संतों की तपस्या का परिणाम है राजा सही हो तो बदलाव अच्छा होता है बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए सनातन धर्म में स्त्रियों का सम्मान है धर्म संस्कृति से हमारा देश विश्व को बदलने की क्षमता रखते है हिंदू धर्म की विशेषता बताते हुए सभी को राष्ट्र निर्माण के लिए अपना तन मन और धन लगाने की बात कही। 
  वही साध्वी सरस्वती ने कहा कि भक्ति एवं शक्ति दोनों की आवश्यकता है इतने शास्त्र,ग्रंथ,धाम 33 कोटि देवता हे सब सृष्टि की व्यवस्था बनाने के लिये है सबको जिम्मेदारियां देनी पड़ती है जो राम का संत का अपमान करता है वह मिट्टी में मिल जाता है भारत के चक्रवर्ती सम्राट बनाने का क्रम संतो का है उठो जागो और जब तक भारत विश्वगुरु नहीं बन जाए तब तक आराम नहीं करो साध्वी ने अपनी जोशीली वाणी ओजस्वी भगवा गीतों से पूरे पंडाल को शौर्य बना दिया सबसे संकल्प दिलाया कि हम सब भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हम एक होकर सारी बुराइयों को मिटा देने तक आराम से नहीं बैठेंगे। 
  उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने आप को समर्पित करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया तथा हिंदू समाज को शक्तिशाली बनाने और संगठित करने के लिए जाति बिरादरी से ऊपर उठकर हिंदू धर्म के बारे में कहा साथ ही साध्वी सरस्वती ने समस्त भींडर नगर वासियों को भरोसा दिलाया की कभी भी मेरी जरूरत पड़े तो मुझे याद करना आपके लिए आकर खड़ी मिलूँगी। 
  कथा के दौरान आसपास के सैकड़ो साधु संतों भोपाओं और प्रबुद्ध जनों का अतिथि सत्कार हुआ आयोजन समिति की ओर से उनका स्वागत अभिनंदन किया गया।कोटा से आये कवि राजेंद्र ने कविता के माध्यम से नारी शक्ति का गुणगान किया।
  कार्यक्रम के अंत में महा प्रसादी का कार्यक्रम हुआ सभी जाति बिरादरी के लोग एक पंक्ति में बैठे भोजन कर रहे थे सामाजिक समरसता का अद्भुत नजारा देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था रही।

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