ग्राम पंचायत मे भ्रष्टाचार का बोलबाला, भूसे के नाम पर भी कर दिया घोटाला

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   रीवा/मध्यप्रदेश।। मध्यप्रदेश में विगत कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं विधानसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए लगातार ग्राम पंचायतों पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन ग्राम पंचायत में बैठे नए नवेले सरपंच और भ्रष्टाचार में माहिर हो चुके सचिव शासन के खजाने को खाली करने पर तुले हुए हैं। 
  ताजा मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले का है, जहां रीवा जिले के हनुमना जनपद पंचायत अंतर्गत बामनगढ़ ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव के द्वारा पंच परमेश्वर मद से लाखों का घोटाला ग्राम पंचायत में कुछ ही दिनों में कर दिया गया स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि सरपंच सचिव के द्वारा गौशाला में भूसा चारा के लिए पैसे निकाले गए हैं, लेकिन एक भी ट्राली भूसा नहीं आया वही 30 जनवरी 2023 को 15000 रूपये टैंकर रिपेयरिंग के लिए निकाला गया लेकिन टैंकर की रिपेयरिंग भी नहीं हुई, वही स्थानीय ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गौशाला में भूसा ना पहुंचने से लगभग 20 से 40 मवेशियों की मौत हो चुकी है लेकिन इस ओर जनपद पंचायत हनुमना से लेकर जिला पंचायत रीवा तक के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है, जिस पर सरपंच सचिव के द्वारा मिलकर जिस तरह भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया उसमें सरपंच के द्वारा अपनी गाड़ी की किस्त जमा की जा रही है, लेकिन इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। 
  दूसरी और जनपद में बैठे अधिकारी भी इससे अनजान बने बैठे है कि सरपंच सचिव के द्वारा जिस किसी कार्य के लिए पैसा आहरित किया गया है ओर वह पैसा जमीनी स्तर के कार्य में लगाया गया है या फिर नहीं। वही अधिकारियों की अनदेखी के कारण सरपंच सचिव के हौसले आसमान छू रहे हैं और दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। ग्राम पंचायत बामनगढ़ में हुए भ्रष्टाचार पर एक नजर में आप समझ सकते हैं कि किस तरह से कुछ ही महीनों में लाखों रुपए का घोटाला सरपंच के द्वारा कर दिया गया। सूत्र यह भी बताते हैं कि सचिव के द्वारा पैसा निकालने से जब मना किया गया तो सरपंच के द्वारा फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी गई और बोला गया कि अगर जल्द से जल्द पैसे नहीं निकलवओगे तो किसी भी फर्जी केस में फंसा दिए जाओगे सूत्रों की माने तो सचिव के द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायत बामनगढ़ से हटने के लिए आवेदन भी दिया जा चुका है कि यहां से हमें हटाकर किसी अन्य पंचायत में रख दिया जाए लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण सचिव को अभी भी उसी ग्राम पंचायत में रखा गया है जिसका खामियाजा ग्राम पंचायत की जनता भोग रही है लेकिन इससे जिले में बैठे और जनपद में बैठे अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है, क्योंकि सरकार की तरफ से उन्हें महीने की सैलरी सही समय पर दे दी जाती है। 
  हलाकि अब देखना यह होगा कि क्या अधिकारियों का ध्यान अब बामनगढ़ ग्राम पंचायत की तरफ जाता है या फिर कार्यालय में बैठकर एसी की हवा लेते हुए सरपंच और सचिव को कॉल करके पूछ लिया जाएगा कि क्या यह सब सही चल रहा है या फिर नहीं और सरपंच सचिव के द्वारा यह बता दिया जाएगा कि सब सही चल रहा है यह सब बस ऐसे ही लूट का एक खेल भर है।

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