क्या महादेव सट्टा ऐप के अपराध को पुलिस महानिदेशक और भाजपा सरकार संरक्षण दे रही है.. ?

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   क्या पुलिस महानिदेशक का पद सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए बनाया जाता है..?
  रायपुर/छत्तीसगढ़।। छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टा के मामले में सिपाही से लेकर कई आई. पी. एस. अधिकारियों के नाम थे, लेकिन पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी क्यों तय नहीं की गई? जबकि इस अपराध में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी आरोप लगे थे …! 
  क्या पुलिस महानिदेशक का पद सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए बनाया जाता है. कानून व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होती है जिसमें शासन के मुखिया मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होते हैं। प्रशासन के मुखिया प्रदेश के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक होते हैं जो शासन और प्रशासन चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। बड़े बड़े घटित होने वाले अपराधों के लिए इनकी भी जबाबदेही और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। छोटे कर्मचारियों और अधिकारियों को ही बलि का बकरा क्यों बनाया जाता है। 
  वर्तमान विष्णुदेव सरकार ने तो भूपेश बघेल के द्वारा नियुक्त मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ही मुख्य सचिव बनाये रखा और सबसे ज्यादा आश्चर्य जनक वर्तमान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा जिनका 60 साल का जीवन जून 2023 को पूरा हो गया सिविल सर्विस के नियमानुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पश्चात् सेवा निवृत हो जाना तय था. तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने 5अगस्त 2024 तक एक्सटेंशन दे दिया सरासर गलत निर्णय था. उससे भी ज्यादा गलत काम विष्णुदेव सरकार ने किया अगस्त 2024से 5 फ़रवरी 2025 तक एक्सटेंशन दे दिया। सेवानिवृत होने के पश्चात संविदा नियुक्तियां तो होती रही हैं. लेकिन पुलिस महानिदेशक के पद पर संविदा नियुक्ति भी नहीं की जा सकती है और वो भी उस व्यक्ति की जिसको तत्कालीन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने पुलिस महानिदेशक बनाया हो आखिर क्यों बनाये रखा भाजपा की विष्णुदेव सरकार ने अशोक जुनेजा को पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ क्या महादेव सट्टा ऐप के अपराध को पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और वर्तमान सरकार संरक्षण दे रही है. 
  सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक के पद पर बने रहने के लिए अशोक जुनेजा ने मोटी रकम का लेन देन किया है यह जांच का विषय है? भ्रष्टाचार के आरोप तो अशोक जुनेजा पर लगते रहे हैं जब ये रायपुर के एस एस पी थे तब रायपुर जिले के प्रत्येक थाने से 40 से 50 हज़ार रूपये महीना वसूलने का आरोप लगा था। जब अशोक जुनेजा आर. टी. ओ. में अतिरिक्त कमिश्नर थे तब भी आर. टी. ओ. में जमकर भ्रष्टाचार की खबरें आती थी.क्या अशोक जुनेजा की संपत्तियों की जांच कराई जानी चाहिए?

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