राजस्थान का पहला स्क्रैपिंग सेण्टर जयपुर में शुरू

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स्क्रैप फ़ैक्टरी - कबाड़खाना
  जयपुर/राजस्थान।। टाटा मोटर्स एवं गंगानगर वाहन उद्योग की संयुक्त साझेदारी में अजमेर रोड जयपुर में शुभारंभ एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने किया वर्चुअल उदघाटन। इस सेंटर को तकनीकी सहायता टाटा मोटर्स देगी एवं संचालन गंगानगर वाहन मोटर्स द्वारा किया जाएगा।
  भारत सरकार ने मोटर यान (स्क्रेपिंग सुविधा का रजिस्ट्रिकरण और कार्य) नियम 2021 के अंतरगर्त यान स्क्रैप सुविधा के लिए यूनिट लगा सकेगा। जिसके लिए राजस्थान सरकार के परिवहन व सुरक्षा विभाग ने नियम जारी कर दिए हैं। कोमेर्शियल वाहन को पंद्रह साल व निजी वाहन को बीस साल बाद वाहन मालिक को स्क्रैप पर देना बाध्यकारी होगा। ऐसे वाहन सड़क पर नहीं चल सकते हैं और ना ही उनको किसी प्रकार से उपयोग में लिया जा सकता है।
  कोई भी व्यक्ति रजिस्ट्रिकृत वाहन स्क्रेपिंग यूनिट के लिए फ़र्म, सॉसाययटी, कम्पनी या ट्रस्ट इसके पात्र होंगे। जिसके लिए उसके पास सत्रह प्रकार के पंजीकरण व प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है - वाहनों की श्रेणी L,M, N श्रेणी के लिए न्यूनतम दो एकड़ भूमि, ओरेंज श्रेणी औद्योगिक क्षेत्र, 60 फ़ीट रोड, मशीनरी व संयन्त्र, लोहे को गलाने व अन्य प्रक्रिया का विस्तृत ब्योरा।
  रजिस्ट्रेशन दस वर्ष की अवधि के लिए होगा। सम्पूर्ण भारत में कहीं से भी वाहन ख़रीद किया जा सकता है। वाहन पर पूर्व में कोई टैक्स या लाईबिलीटी शेष ना हो, जैसे कोर्ट केस, पेनल्टीज़ इत्यादि। वाहन मालिक की KYC व उसके खाते का ब्यौरा। यदि वह नई गाड़ी लेना चाहता है प्रमाण पत्र दिया जाकर उसे वाहन ख़रीद व टैक्स इत्यादि में छूट प्राप्त हो सकेगी।
  वही ऐसी यूनिट को साइबर सुरक्षा प्रमाण पत्र लेना होगा। जमा प्रमाण पत्र RBSF जारी किया जा सकेगा। सम्पूर्ण भारत के पंजीकृत स्वामी, ट्रैफ़िक नियम, RTO ऑफ़िस सहित परिवहन विभाग का डाटा असेस कर सकेगा एवं वाहन स्वामी की जानकारी जुटा सकेगा।
  किसी प्रवर्तन एजेन्सी द्वारा ज़ब्त किए गए वाहनों को स्क्रैप के माध्यम से मानदण्ड पूरा करने पर किया जा सकेगा। वाहन पोर्टल एवं राष्ट्रीय अपराध रिकोर्ड ब्यूरो द्वारा वाहनों की चोरी से संबंधी रिकोर्ड का सत्यापन किया जा सकेगा।
  ‘एण्ड ओफ़ लाइफ़ व्हीकल’ के तहत जारी स्क्रैप प्रमाण पत्र की अवधि दो साल होगी। वाहन स्वामी उसके बदले में विभिन्न अनुदान एवं छूट प्राप्त कर सकेगा। यह व्यापार बड़े पैमाने पर होगा एवं इसके लिए बड़े सयंत्र व आयात निर्यात की पॉलिसी के तहत कई लाभ मिल सकेंगे।

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